Petrol Diesel Price Today- पेट्रोल डीजल की कीमतें 33 रूपये तक सस्ता होना चाहिए। क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में नजर डालें तो कच्चा तेल इस समय साल के सबसे निचले स्तर पर यानि 76 डॉलर प्रति बैरल पर है। फिर भी लोगों को वाहन ईंधन इतने महंगे क्यों मिल रहे हैं। पिछले छः महीनों से लगातार पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान छू रहे हैं। जिससे लोगों को वाहन ईंधनों के लिए काफी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे है। आखिर क्यों वाहन ईंधनों की कीमतें अभी लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बनी हुई है। आइए जानते हैं इससे सम्बन्धित पूरी जानकारी इसी पोस्ट के माध्यम विस्तार से जानते हैं।

Petrol Diesel Price Today
आपको बता दें कि कच्चे तेल की कीमतें जुलाई, 2008 के बाद इस साल मार्च में 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी। उसके बाद से 46 फीसदी गिरावट के साथ यह इस साल सबसे निचले स्तर 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। कच्चे तेल को लीटर और रूपये के हिसाब से अनुमान लगाएं तो कीमत नौ महीने में 33 रूपये प्रति लीटर से ज्यादा घटनी चाहिए। इसके बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को नहीं मिली है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट इसलिए आ रही है। क्योंकि रूस युक्रेन युद्ध के बाद जो अपूर्ती की अनिश्चितता थी, वह अब फीकी पड़ गई है।
Crude Oil Rate
क्रूड महंगा होने पर क्या असर हुआ है। इसके बारे में बात करें तो मार्च में जब क्रुड 140 डॉलर प्रति बैरल था। तब महंगाई अप्रैल में खुदरा मूल्य आठ साल के रिकॉर्ड स्तर 7.79 प्रतिशत पर था। महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई ने मई से रेपो दरों में कटौती शुरू की। उम्मीद है कि नवंबर की महंगाई के आंकड़े जब इस हफ्ते आएंगे तो वह 6 प्रतिशत रह सकती है। तेल महंगा होने का सबसे ज्यादा असर माल ढुलाई पर होता है। जिससे महंगाई काफी बढ़ जाती है।
पेट्रोल और डीजल की घरेलू दरें इन ईंधनों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती है। लेकिन अप्रैल के बाद से, घरेलू दरें स्थिर हो गई हैं। क्योंकि कम्पनियों ने बाजार से कम कीमतों पर ईंधन बेचा और भारी नुकसान हुआ। ग्राहकों को वैश्विक मूल्य में गिरावट के लाभों को देने से पहले घरेलू कंपनियां पहले अपने नुकसान की भरपाई करेंगीं।