Child development & Pedagogy Questions बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र Bal Vikas Siksha Sastra Question अगर आप किसी अध्यापक Teacher/TET/CTET/UPTET/NTT/LECTURE की भर्ती परीक्षा की तैयारी मे लगे हुए है, तो हम आज आपको अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए कुछ ऐसे टापिक के प्रश्नो को लेकर आए है, जहॉ से 1 या 2 प्रश्न जरुर पूछे लिए जाते है और किसी किसी एक दिवसीय परीक्षा मे भी इन प्रश्नो को पूछा जाता है उपलब्ध प्रश्नो की सूची अगर देखे तो यह ज्यादा ही आन्तरिक प्रश्नो मे गिना जाता है नीचे हमने बाल विकास Child Development Questions से सम्बन्धित कुछ प्रश्नो को आपसे साझा किया हुआ है नीचे 30 प्रश्नो का जिक्र किया है और उनके उत्तर भी नीचे दिए गए है, कृपया उपलब्ध जानकारी को ध्यान पूर्वक पढे तो ज्यादा ही बेहतर रहेगा।
बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र प्रश्न
🎯 20वीं शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा जाता है यह कथन है-
👉 स्किनर का
🎯 विभिन्नता के नियम का प्रतिपादन किया है-
👉 डार्विन और लैमार्क ने
🎯 चिंतन मानसिक क्रिया का ज्ञानात्मक पक्ष है यह कथन है-
👉 रॉस का
🎯 बालक में तार्किकता का अभाव किस आयु तक होता है-
👉 7 वर्ष तक
🎯 वैयक्तिक विभिन्नता को समझने का प्रयत्न सबसे पहले किया था-
👉 गाल्टन ने
🎯 बच्चे की आयु बढ़ने के साथ साथ चिंतन में किसकी प्रधानता बढ़ती है-
👉 तर्क की
🎯 प्रोजेक्ट प्रणाली के जनक है-
👉 किलपैट्रिक
🎯 द्वितल सिद्धांत का प्रतिपादन किया है-
👉 स्पीयरमैन ने
🎯 पावलव ने अपने शास्त्रीय अनुबंध सिद्धांत का प्रतिपादन किसके ऊपर किया था-
👉 कुत्ते पर
🎯 अभ्यास और अनुभव के द्वारा व्यवहार में होने वाला परिवर्तन कहलता है-
👉 अधिगम
🎯 वह मानवीय योग्यता जिसके द्वारा व्यक्ति किसी नवीन रचना या विचार को प्रस्तुत करता है कहलाता है-
👉 सृजनात्मकता
🎯 कौन सा परीक्षण व्यक्तित्व का मापन करता है-
👉 टी ए टीपरीक्षण
🎯 सीखने के नियम का प्रतिपादन किया था –
👉 थार्नडाइक ने
🎯 प्रतिभावान बालक जन्म के समय सामान्य बालको से कितने इंच अधिक लंबा होता है-
👉 1.7 इंच
🎯 कौन सी ग्रंथि बालक की हड्डियों के विकास में सहायक होती है-
👉 पिट्यूटरी ग्रंथि
🎯 सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया-
👉 2000-2001
🎯 प्रासंगिक अंतर्बोध परीक्षण का विकास किया गया है
👉 मरे द्वारा
🎯 C.A.T. परिक्षण किस आयु के बच्चों के मूल्यांकन के लिए होता है-
👉 3 – 11 वर्ष
🎯 संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा बच्चों के अधिकार की घोषणा कब की गई-
👉 20 नवंबर 1989
🎯 कल्पना मानसिक हस्त व्यापार है किसने कहा है-
👉 वुडवर्थ ने
🎯 किशोरावस्था को किस वैज्ञानिक ने उथल पुथल की अवस्था कहा है-
👉 स्टैनले हाँल
🎯 प्रेक्षणात्मक अधिगम संप्रत्यय किया गया है-
👉 बैन्डूरा
🎯 सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन होता है-
👉 विद्यार्थी केंद्रित
🎯 निम्न में से कौन सा सीखने का क्षेत्र है-
👉 अनुभाविक
🎯 ”संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है” कथन है-
👉 वुडवर्थ
🎯 प्रेरणा व्याख्या करती है-
👉 व्यवहार क्यों घटित होता है
🎯 कौन सी शब्दावली प्राय: अभिप्रेरणा के साथ, अंत: बदलाव के साथ इस्तेमाल की जाती है
👉 आवश्यकता
🎯 संवेग का एक प्रमुख तत्व नहीं है-
👉 समस्या
🎯अधिगम का कौन सा सिद्धांत यह बताता है कि सीखने हेतु कार्य दोहराना आवश्यक है
👉 प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
🎯 बाल विकास को पहले किस नाम से जाना जाता था-
👉 बाल मनोविज्ञान
Child development And Pedagogy Questions in Hindi
बाल-विकास के पाठ्यक्रम के ३० टॉपिक की विवरणिका यहॉं है-
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र 30 बिन्दु
(अ) बाल विकास 15 बिन्दु
बाल विकास के सिद्धांत।
बाल केन्द्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा ।
बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक स्वरूप और उसका मापन, बहुआयामी बुद्धि।
बालकों का मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याएं।
वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव।
समाजीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक जगत एवं बच्चे ( शिक्षक, अभिभावक, साथी)
पियाजे, पावलव, कोहलर और थार्नडाइकः रचना एवं आलोचनात्मक स्वरूप।
बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध ।
विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक ।
व्यक्तित्व और उसका मापन।
भाषा और विचार।
अधिगमकर्ताओं में व्यक्तिगत भिन्नताएं, भाषा, जाति, लिंग, संप्रदाय, धर्म आदि की विषमताओं पर आधारित भिन्नताओं की समझ।
अधिगम के लिए आंकलन और अधिगम का आंकलन में अंतर, शाला आधारित आंकलन, सतत एवं समग्र मूल्यांकनः स्वरूप और प्रथाएं (मान्यताएं)
सामाजिक निर्माण के रूप में जेंडर, जेंडर की भूमिका, लिंगभेद और शैक्षिक प्रथाएं।
अधिगमकत्र्ताओं की तैयारी के स्तर के आंकलन हेतु उपयुक्त प्रश्नों कानिर्माण, कक्षाकक्ष में अधिगम को बढ़ाने आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगम कत्र्ता की उपलब्धि के आंकलन के लिए।
(ब) समावेशित शिक्षा की अवधारणा एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की समझ 5 बिन्दु
- अलाभान्वित, एवं वंचित वर्गों सहित विविध पृष्ठभाूमियों के अधिगमकत्र्ताओं की पहचान ।
- अधिगम कठिनाइयों, ’क्षति’ आदि से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान।
- प्रतिभावान, सृजनात्मक, विशेष क्षमता वाले अधिगमकत्र्ताओं की पहचान।
- समस्याग्रस्त बालकः पहचान एवं निदानात्मक पक्ष।
- बाल अपराधः कारण एवं प्रकार
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