रेलवे ग्रुप-D परीक्षा में हाई-टेक चीटिंग का पर्दाफाश, उम्मीदवार गिरफ्तार देहरादून में आयोजित रेलवे ग्रुप-D की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी को संदिग्ध गतिविधि करते हुए पकड़ा गया। जांच में खुलासा हुआ कि वह पहले से तैयार किए गए नोट्स के आधार पर सवाल हल करने की कोशिश कर रहा था। इस प्रकरण में तकनीक का गलत इस्तेमाल और पैसे का लेनदेन दोनों शामिल पाए गए।

कैसे चल रहा था पूरा खेल?
पुलिस के अनुसार एक गिरोह ने परीक्षा से पहले ही कुछ संभावित प्रश्नों का सेट तैयार कर लिया था। इन्हें एक कम-प्रचलित जैंगी मैसेजिंग ऐप के जरिये अभ्यर्थी तक पहुँचाया गया।
उम्मीदवार ने इन उत्तरों को गुप्त तरीके से एक छोटे कागज पर लिखकर परीक्षा केंद्र तक पहुँचाया। परीक्षा के दौरान जब वह बार-बार अपनी जैकेट और हाथों की ओर देख रहा था, तब निगरानी दल को शक हुआ और तलाशी लेने पर तथ्य सामने आ गए।
RRB Group D पास करवाने के लिए तय हुई थी बड़ी रकम
पूछताछ में उम्मीदवार ने बताया कि उससे परीक्षा पास करवाने के लिए एक भारी राशि की मांग की गई थी। गैंग के सदस्यों का दावा था कि वे “संभावित प्रश्न” और उनके हल उपलब्ध कराने का सिस्टम चलाते हैं। गिरफ्त में आए युवक ने बताया कि इस काम के लिए 4 लाख रुपए तय हुए थे और पहली किस्त वह पहले ही दे चुका था।
शुरुआती जांच में क्या निकला?
- गिरफ्तार युवक हरियाणा क्षेत्र का रहने वाला है।
- संपर्क करने वाले दलालों की लोकेशन अलग-अलग राज्यों से जुड़ी बताई जा रही है।
- मुख्य आरोपी परीक्षा से पहले बाहर खड़े लोगों के जरिये ऐप डाउनलोड करवाते थे।
- यह गिरोह विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में इस तरीके को अपनाता था।
आगे की कार्रवाई
परीक्षा केंद्र प्रशासन व पुलिस ने मोबाइल डेटा, चैट हिस्ट्री और पैसों से जुड़े सुराग अपने कब्जे में ले लिए हैं। गैंग के दूसरे सदस्यों की तलाश के लिए अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।
रेलवे बोर्ड ने भी कहा है कि इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों पर कड़ी कानूनी धारा लगाई जाएगी।
संक्षेप में
यह पूरी घटना बताती है कि कुछ लोग ऑनलाइन परीक्षाओं में टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग करने लगे हैं, लेकिन सतर्कता और निगरानी से ऐसे प्रयासों को रोका जा सकता है। प्राधिकरण ने उम्मीदवारों को चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की अनियमितता सीधे जेल और परीक्षा प्रतिबंध तक पहुंचा सकती है।