Sarkari Naukari Fraud : बेरोजगारी का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने एक रुपए की लागत से 1 करोड़ 33 लाख रुपए की ठगी किए जाने का बड़ा मामला सामने आया है सभी को पता है भारत में बेरोजगारी की दर में कमी नहीं हो रही है ऐसे में बहुत से ऐसे उम्मीदवार हैं जो पैसों के माध्यम से नौकरी ऐसे में इन्हीं लोगों के लिए एक टुकड़ी ने अभी हाल ही में बहुत बड़ा कांड कर डाला है उनका सीधा टारगेट बेरोजगार छात्र एवं छात्राएं होते थे इस संक्षिप्त जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें किस प्रकार से यह लोग विरोध कारों को नौकरी के बहाने बहला-फुसलाकर कमा लेते थे।
सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी
उपलब्ध खबरों के अनुसार सरकारी नौकरी के नाम पर इनकी एक टीम थी जिसमें राजापुर के रामजतन मंडेला ने एमएनआईटी के पूर्व अफसर राघवेंद्र सिंह सौरव के समीर सिद्धकी मोहम्मद अली मोहम्मद साहेब मोहम्मद गौस मोहम्मद गायक शाहिद अली और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सभी एक टीम के रूप में कार्य करते थे वह एक ऐसे सरकारी रिटायर्ट कर्मचारी को पकड़ते थे जिनकी आय और संपत्ति थोड़ी मजबूत होती थी वह उनके घर में कोई नौजवान छात्र या छात्राएं बेरोजगार होते थे ऐसे में इनकी टीम का कोई व्यक्ति नौकरी दिलाने के लिए धीरे-धीरे मित्रता बढाता पर जब उन्हें यह ज्ञात हो जाता है कि उपलब्ध व्यक्ति की वास्तव में ऊपर के कई व्यक्तियों से पहुंच है, तब वह बहुत ही साधारण शब्दों में छात्र-छात्राओं के गार्जियन से कमाई मांगते जिसके बाद वह यह भी बोल देते कि आधा पैसा नौकरी लगने के बाद देना है ऐसे में माहिर ठग बहुत से लोगों को इस जाल में फंसा चुका था।
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Sarkari Naukari Scam का सच
ऐसे में एक एजी ऑफिस के रिटायर राजापुर के रामजतन मंडेला जो इसका शिकार वह अपने लड़के को नौकरी दिलाने के लिए उपलब्ध जो चार अज्ञात लोग हैं इनको पैसे दिए कुछ समय बाद एक रुपए के फर्जी कागज पर सरकारी मोहर लगाकर के 1 ऐसे दस्तावेज तैयार करके इनको सौंपी जिससे इन्हें लगा कि वास्तव में यह जॉइनिंग लेटर है जब वह जॉइनिंग लेटर लेकर के उपलब्ध स्थान पर पहुंचे जहां नौकरी की प्रक्रिया होनी थी वहां पता चला कि ऐसे किसी भी प्रकार की नौकरी में भर्ती जारी नहीं की गई थी वह पूर्णता झूठी खबर है यह जो कागजात आपको मिले हैं यह भी झूठे हैं ऐसे में लौटने पर उन्होंने उन अज्ञात लोगों से मुलाकात की तो उन्होंने पैसे लौटाने का बहाना किया और समय से पैसे ना लौटा पाने के कारण एजी ऑफिस के रिटायर कर्मचारी ने हाल ही में अपने नजदीकी स्थान पर मुकदमा दर्ज कराया।
उपलब्ध नौकरियों का रेट
- महा निबंधन पद के लिए 50 लाख
- प्रशासनिक अधिकारी के लिए 40 लाख
- समीक्षा अधिकारी के लिए 25 लाख
- अनुभाग अधिकारी के लिए 20 लाख
- लिपिक पद के लिए 10 लाख
कितने पैसे दिए उपलब्ध पदों के लिए
- कृष्ण प्रताप सिंह ने 40 लाख
- विकास सिंह ने 20 लाख
- सुनील सिंह ने ₹8 लाख
- योगेंद्र सिंह ने ₹40 लाख रुपये दिए।
उपलब्ध समय मे ऐसे ठग आपके आस पास एक्टिव हो चुके है, तो कृपया इनसे बचे और इस जानकारी को दिए गए शेयर बटन की मदद से किसी अन्य को जरुर शेयर करें।