Board Exam 2022 : कक्षा 10वीं – 12वीं की परीक्षा को लेकर कोर्ट का बडा फैसला पढे पूरी खबर

Board Exam 2022 : बोर्ड की परीक्षाओ का मामला सुप्रीम कोर्ट मे दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है, ऐसे मे उपलब्ध समय मे परीक्षा की अडग पर छात्र व छात्राए भी अब इसमे जमकर सोशल मिडिया पर रोष दिखा रहे है, ऐसे मे बढते मामले मे सुप्रीम कोर्ट मे याचिका पर अगली सुनवाई पर मामले पर बडी खबर प्रकाशित की गई है, नीचे दि गए बोर्ड परीक्षा के सन्दर्भ मे समुचित जानकारी को ध्यानपूर्वक पढे।

board exam notice

Board Exam 2022

Board Exam 2022 : कक्षा 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन? सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई न्यायालय में दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की सीबीएससी व अन्य बोर्ड की आप लाइन परीक्षाएं रद्द करने की याचिका पर कहा कि अगर पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है तो परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती है शीर्ष कोर्ट ने मंगलवार को उस वक्त यह मौखिक टिप्पणी की जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी कई स्कूल में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ है इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी न्यायमूर्ति एसएस खानविलकर न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी पी रवि कुमार की खंडपीठ ने कहा कि आज का की अग्रिम प्रति के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व अन्य संबंधित प्रति वादियों के स्थाई वकील को दी जाए पीटीसी याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगी याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा शीर्ष कोर्ट ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संदर्भ में वर्ष 2020 सर जी आदेश पारित किए थे पिछले चार अदालत के समक्ष इस योजना रखी गई थी।

CBSE और ICSE की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड शारीरिक तौर पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है.  बता दें सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए 26 अप्रैल से बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है. 

Board Exam को लेकर क्या है मामला

देश भर में स्कूलों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है न्यायालय ने शिक्षा के अधिकार कानून आरटीई के कुछ प्रावधानों को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है याचिका में आरटीई एक्ट के कुछ प्रावधानों के अनुचित मनमाना और अतार्किक बताते हुए देश भर में एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की मांग की गई है मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय विधि एवं न्याय मंत्रालय और गृह मंत्रालय को नोटिस अंगा है पीठ ने सभी पक्षों को मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च से पहले जवाब देने की कहा है एक अधिवक्ता द्वारा दाखिल याचिका में आरटीआई अधिनियम की धारा 14 और 15 की मौजूदगी और मातृभाषा में एक समान पाठ्यक्रम के अनुपस्थिति से छात्रों में अज्ञानता को बढ़ावा कि देश भर में एक समान शिक्षा प्रणाली को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी को निभाने में केंद्र विफल रहा है ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा नहीं होगा तो बोर्ड परीक्षाएं कैसे कराई जाएगी।

अपने प्रश्न पूछे