Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी
आज के इस लेख के माध्यम से हम आप को अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन परिचय से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी देंगे। कि अटल जी कौन थे। इनका जन्म कहा हुआ। अटल जी का प्रारम्भिक जीवन कैसा था। अटल बिहारी वाजपेयी ने पढाई कहा से की। ये भारत के प्रधान मंत्री कितने बार बनें आदि से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी Atal Bihari Vajpayee के लिए हमारे इस लेख को ध्यान से पढें।
अटल बिहारी वाजपेयी Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi
अटल बिहारी वाजपयी (Atal Bihari Vajapayee ) भारतीय जनता पार्टी के मुख्य नेता और भारत के भूत पूर्व प्रधानमंत्री थे।वे जीवन भर राजनीति में सक्रिय रहे। लाल नेहरू के बाद अटल बिहारी बाजपेयी ही एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला। वह भारत के सबसे सम्माननीय राजनीतिज्ञों में से एक रहे। वाजपेयी ने कई विभिन्न परिषदों और संगठनों के सदस्य के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं। वाजपेयी एक प्रभावशाली कवि और प्रखर वक्ता थे। सन 2014 मे उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया।
Atal Bihari Vajpayee Biography अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी
पूरा नाम | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्म | 25 दिसम्बर 1924 |
पिता का नाम | कृष्ण बिहारी वाजपेयी |
माता का नाम | कृष्णा देवी |
जन्म स्थान | ग्वालियर मध्यप्रदेश |
विवाह | इन्होंने शादी नही की |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जिनता पार्टी |
मृत्यु | 16 अगस्त 2018 |
Atal Bihari Vajpayee अटल बिहारी वाजपेयी जी के बारे मे
उत्तर प्रदेश में आगरा जनपद के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे। वहीं शिन्दे की छावनी में 25 दिसम्बर 1924 को अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म हुआ था। पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में अध्यापन कार्य तो करते ही थे इसके अतिरिक्त वे हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। पुत्र में काव्य के गुण वंशानुगत परिपाटी से प्राप्त हुए। महात्मा रामचन्द्र वीर द्वारा रचित अमर कृति “विजय पताका” पढकर अटल जी के जीवन की दिशा ही बदल गयी। अटल जी की बी०ए० की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज) में हुई। छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे।
कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एम०ए० की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ-साथ कानपुर में ही एल०एल०बी० की पढ़ाई भी प्रारम्भ की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये।
अटल बिहारी वाजपेयी जी का राजनीतिक जीवन
वाजपेयी की राजनैतिक यात्रा की शुरुआत एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में हुई। 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के कारण वह अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए। इसी समय उनकी मुलाकात श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई, जो भारतीय जनसंघ यानी बी.जे.एस. के नेता थे। उनके राजनैतिक एजेंडे में वाजपेयी ने सहयोग किया। स्वास्थ्य समस्याओं के चलते मुकर्जी की जल्द ही मृत्यु हो गई और बी.जे.एस. की कमान वाजपेयी ने संभाली और इस संगठन के विचारों और एजेंडे को आगे बढ़ाया। सन 1954 में वह बलरामपुर सीट से संसद सदस्य निर्वाचित हुए। छोटी उम्र के बावजूद वाजपेयी के विस्तृत नजरिए और जानकारी ने उन्हें राजनीति जगत में सम्मान और स्थान दिलाने में मदद की। 1977 में जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी, वाजपेयी को विदेश मंत्री बनाया गया। दो वर्ष बाद उन्होंने चीन के साथ संबंधों पर चर्चा करने के लिए वहां की यात्रा की। भारत पाकिस्तान के 1971 के युद्ध के कारण प्रभावित हुए भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्ते को सुधारने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा कर नई पहल की। जब जनता पार्टी ने आर.एस.एस. पर हमला किया, तब उन्होंने 1979 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सन 1980 में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने की पहल उनके व बीजेएस तथा आरएसएस से आए लालकृष्ण आडवाणी और भैरो सिंह शेखावत जैसे साथियों ने रखी। स्थापना के बाद पहले पांच साल वाजपेयी इस पार्टी के अध्यक्ष रहे।
व्यक्तिगत जीवन
वाजपेयी अपने जीवन में शादी नही की। उन्होंने अपने लंबे समय के दोस्त राजकुमारी कौल और बीएन कौल की बेटी नमिता भट्टाचार्य के रूप में अपनाया। उनका अपना परिवार उनके साथ रहता था।
Atal Bihari Vajpayee Ki Poem अटल बिहारी वाजपेयी कविता
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे। मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह थे। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रक्त-रस अनवरत घूमता रहा है। उनकी सर्व प्रथम कविता ताजमहल थी।
अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री Atal Bihari Vajpayee PM
1995 में गुजरात और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावो में BJP की जीत हुई और BJP एक भारत में एक बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी |1995 में BJP सभा में लाल कृष्ण आडवाणी ने वाजपयी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही |1996 के लोकसभा चुनावो में BJP जीत गयी और Atal Bihari Vajpayee वाजपयी को 1996 से 2004 के बीच तीन बार प्रधानमंत्री की शपथ ली | पहली बार 1996 में भारत का 10वा प्रधानमंत्री चुना गया लेकिन बहुमत के आभाव में उन्होंने 13 दिनों की सरकार के बाद इस्तीफ़ा दे दिया |
1998 में लोकसभा भंग होने पर फिर से चुनाव हुए और BJP फिर से बड़ी पार्टी बनकर उभरी | इस बार भी Atal Bihari Vajpayee वाजपयी को प्रधानमंत्री चुना गया | उनके इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने “ऑपरेशन शक्ति ” चलाया जिसमे पोखरन में परमाणु बम परीक्षण किया गया ताकि विश्व को भारत की शक्ति पता चल सके |
1999 में फिर से चुनाव हुए और इस बार BJP को 543 में से 303 सीट मिली और इस बार उन्होंने बहुमत के साथ बिजय प्राप्त की और तीसरी बार Atal Bihari Vajpayee अटल बिहारी वाजपयी प्रधानमंत्री बने | उनके इस कार्यकाल के दौरान कई घटनाये हुई| उनके द्वारा शूरू की गयी स्वर्ण चतुर्भुज योजना ने चार महानगरो को आपस में जोडकर इतिहास रचा और आज भी हम उनके इस कार्य के आभारी है | सन 2001 में उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान चलाया और प्राथमिक स्कूलों की गुन्न्वत्ता में सुधार किया। 2003 में उनका कार्यकाल खत्म हो गया और 2004 के चुनावो में NDA ने चुनाव जीता। 2005 में अटल बिहारी वाजपयी ने उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया।
अटल जी की मृत्यु
वाजपेयी को 2009 में एक दौरा पड़ा था, जिसके बाद वह बोलने में अक्षम हो गए थे। उन्हें 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था, जहाँ 16 अगस्त 2018 की शाम उनकी मृत्यु हो गयी।
अटल जी की प्रमुख रचनायें
उनकी कुछ प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ इस प्रकार हैं-
- मृत्यु या हत्या
- अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)
- सेक्युलर वाद
- राजनीति की रपटीली राहें
- बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।
- मेरी इक्यावन कविताएँ
- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
- संसद में तीन दशक
- अमर आग है
- कुछ लेख: कुछ भाषण
- Dr. A.P.J. Abdul Kalam Biography in Hindi
- महाराणा प्रताप का जीवन परिचय Maharana Pratap ki jevne
- Munshi Premchand के बारे मे पूरी जानकारी। मुंशी प्रेमचन्द्र की जीवनी
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