School New Rules : 50 साल बाद स्कूल मे नया नियम लागू बदल दिया सबकुछ छात्र, अध्यापक ध्यान दें
School New Rules : उत्तर प्रदेश स्कूलों की जहां बहुत कुछ बदल रहा है और इसकी शुरुआत प्रदेश के संभल के स्कूलों से हुई जो कि हमें हिंदुस्तान के प्राचीन इतिहास की याद दिलाता है, जैसे वक्त बदला स्कूलों में सब कुछ बदल गया गुरुकुल ने स्कूल की जगह ले ली तो गुरुदेव और आचार्य की जगह सर और मैडम हो गए लेकिन उत्तर प्रदेश के स्कूलो में अब जो बदला हो बदलाव होने वाला है वह प्राचीन भारत के इतिहास को याद दिलाया रिपोर्ट के अनुसार अध्यापको को दीदी या बहन जी कहा जाए और शिक्षको को गुरुजी कहा जाएगा ऐसे मे स्कूलो मे क्या कुछ नया नियम लागू किया जाएगा इस बारे मे पूरी खबर विस्तार से उपलब्ध है।

School New Rules
उत्तर प्रदेश के संभल के स्कूलों के लिए नया फरमान आया उधर इसकी चर्चा देश भर में होने लगी कल तक जो छात्र स्कूल में अपने शिक्षक को सर बोला करते थे उन्हें अब गुरुजी से संबोधित करना पड़ेगा पहले जो छात्र महिला शिक्षिका को मैडम या मैम कहा करते थे अब उन्हें दीदी कह कर संबोधित करना होगा संभल का यह वही प्राइमरी स्कूल है जहां मोबाइल फोन पर कैंडी क्रश गेम खेलने के मामले में टीचर पर निलंबन की सख्त कारवाई की गई थी अब डीएम राजेंद्र पेंसिया ने सरकारी परिषदीय स्कूलों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है।
नए फरमान के मुताबिक शिक्षिका को मैडम नहीं दीदी कहेंगे छात्र शिक्षकों को गुरु कहा जाएगा अभिवादन में बच्चे बोलेंगे नमस्ते या जय हिंद कहेंगे, वही स्कूलो मे अब टीशर्ट नहीं भारतीय परिधान में आएंगे गुरुजी इसी के साथ डीएम साहब के आदेश के बाद प्राइमरी स्कूलों में यह आदेश जारी कर दिया गया है। जो हमारे विद्यालय है उसमें भारतीय संस्कृति या जो परंपराएं हमारी रही है वो बच्चों तक पहुंचे उसी के क्रम में ये आदेश उनका निर्देश था कि जो पुरातन संस्था में टीचर्स को इतना सम्मान दिया जाता था।
स्कूल के अध्यापक और छात्र ध्यान दें
भारतीय परिधान में ही स्कूल आना होगा स्कूल के क्लासरूम में शिक्षक और छात्र जूते पहनकर नहीं आएंगे स्कूल के प्रधानाचार्य की कुर्सी पर शिक्षक नहीं बैठेंगे शिक्षा के नियमों को लागू के पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि स्कूल मंदिर की तरह होता है बच्चों के अंदर ऐसी आदत डालने से बहुत कुछ बदल सकता है जबक जय हिंद कहने से बच्चों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी और इससे बच्चे देश के प्रति सोच पाएंगे।