भारत के लिए बहुत ही बुरी खबर हो सकती है, जिसे अभी के अभी ज्यादातर लोगो को इस लेख के बारे मे समय से पहले पता होना चाहिए क्योकी आने वाली 10-15 वर्षो मे क्या स्थिती रहेगी इस बारे मे विस्तार से रिपोर्ट जारी की गई है, ज्यादातर लोगो को यह मामला अभी छोटा लग रहा है, पर वास्तव मे अधिकतर सरकार द्वार जारी किए गए कुछ नियमो को अनदेखा कर दिया जा रहा है, जो दिन प्रतिदिन भारत को गर्त मे लेकर जा रहा है, इस मामले की पूरी जानकारी नीचे विस्तार से है, जिसे आपको पता हो क्योकी यह बहुत ही खतरनाक हो सकता पूरी मानव सभ्यता के लिए।
भारत के लिए बुरी खबर
भारत के अलावा दुनिया भर मे पाल्युशन की बढोत्तरी बहुत ही तेजी से हो रही है, हर साल 430 मिलियन टन से ज्यादा प्लास्टिक तैयार किया जाता है, पर ऐसे मे प्लास्टिक पृथ्वी के लिए बहुत ही बुरी साबित हो रही है, क्योकी इससे मानव, वातावरण दोनो बहुत ही तेजी से प्रभावित हो रहे है। प्लास्टिक के छोटे पार्टिकल्स रोजमर्रा के जीवन मे इस्तेमाल होने वाली चीजो आदि मे मौजूद है। अभी हाल ही मे पर्यावरण विभाग द्वारा एक बडी चेतावनी और रिपोर्ट का जारी किया है, जिसके आकडे चौका देने वाले है।
पर्यावरण विभाग की बडी चेतावनी
यूनाइटेड नेशन्स इंवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) के मुताबिक पृथ्वी का वातावरण बहुत ही तेजी से खराब होने की स्थिति मे है, क्योकी सबसे ज्यादा मानव जीवन मे छति प्लास्टिक कर रही है। क्योकी फैक्ट्री से यह माइक्रोप्साटिक निकलकर नाले, गंगा, यमुना मे मिलते है, जिससे पशु, पक्षी खा जाते है, जिसके बाद पक्षी को गंभीर बिमारी धीरे धीरे मनुष्यो तक पहुच जाती और अन्त मे इसका निष्कर्ष नवजात बच्चो के DNA मे भी पाए जाने लगे है।
- समुद्र में जमा हुआ 9% माइक्रोप्लास्टिक कपड़ों से निकला
- समुद्र के किनारे सिगरेट का कचरा सबसे ज्यादा
- कॉस्मेटिक्स में मिलाने अलग से माइक्रोप्लास्टिक तैयार किया जाता है।
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