Hello Students, आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको शाहजहाँ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे,कि शाहजहाँ कौन था। उसने अपने शासन काल में क्या किया। उसने कितनी इमारतें बनवाईं। उसके दरबार के प्रमुख चित्रकार कौन थे। आदि तत्थों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़े।
मुगल साम्रााज्य शाहजहाँ से सम्बन्धित प्रश्न
- जहाँगीर के बाद सिंहासन पर शाहजहाँ बैठा।
- जोधपुर के शासक मोटा राजा उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाई के गर्भ से 5 जनवरी, 1592 ईं. को खुर्रम खाँ (शाहजहाँ) का जन्म लाहौर में हुआ था। 1612 ईं. में खुर्रम खाँ का विवाह आसफ खाँ की पुत्री अरजुमन्द बानो बेगम से हुआ। जिसे शाहजहाँ ने मलिका-ए-जमानी कि उपाधि प्रादान की। 7 जून,1631 ईं. में प्रसव-पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गयी।
- 4 फरवरी, 1628 ईं. को शाहजहाँ आगरा में अबुल मुजफ्फर शाहबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी की उपाधि दी।
- शाहजहाँ ने आसफ को वजीर पद एवं महवत खाँ को खानखाना की उपाधि प्रदान की
- इसने नूरजहाँ को दो लाख रू. प्रतिवर्ष की पेंसन देकर लाहौर जाने दिया, जहाँ 1645 ईं. में उसकी मृत्यु हो गयी।
- अपनी बेगम मुमताज महल कि याद में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण आगरा में उसकी कब्र के ऊपर कराया। उस्ताद ईशा ने ताजमहल कि रूप-रेखा तैयार की थी।
- ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमहद लाहौरी था।
- मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहाँ से करवाया था। इसका मुख्य कलाकार बे बादल खाँ था। बाद में सिंहासन के पीछे पुतारा-दुरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गयी थी, जिससे पौराणिक यूनानी देवाता आर्फियस को, वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया है।
- शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्णयुग कहा जाता है।
- शाहजहाँ ने 1632 ईं. में अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।
- शाहजहाँ ने 1638 ईं.में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहाँनावाद की नींव ड़ाली।
- आगरे के जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा ने करवाई।
- शाहजहाँ के दरबार के प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे।
- शाहजहाँ के दरबार में वंशीधर मिश्र एवं हरिनारायण मिश्र ना के दो संस्कृत के कवि थे।
- शाहजहाँ ने संगीतज्ञ लाल खाँ को गुण समन्दर की उपाधि एवं संगीतज्ञ जगन्नाथ जो हिन्दी का कवि भी था, को महाकविराय की उपाधि से सम्मानित किया।
- शाहजहाँ के पुत्रों में शिकोह सर्वाधिक विद्वान था। इसने भगवद्गीता,योगवशिष्ट, उपनिसद् एवं रामायण का अनुवाद फारसी में करवाया। इसने सर्र-ए-अकबर (महान रहस्य) नाम से उपनिषदों का अनुवाद करवाय था। दारा शिकोह कादिरी सिलसिले के मुल्ला शाह बदख्सी का शिष्य था।
- शाहजहाँ ने दिल्ली मे एक कॉलेज का निर्माण एवं दार्रूल बका नामक कॉलेज की मरम्मत करायी।
- सितम्बर, 1657 ईं. में शहजहाँ के गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु का अफवाह फैलने के कारण उसके पुत्रों के बीच उत्तराधिकार का युद्ध प्रारम्भ हुआ। उस समय शूजा बंगाल, मुराद गुजरात एवं औरंगजेब दक्कन में था।
- 15 अप्रैल, 1658 ईं. में दारा एवं औरंगजेब के बीच धरमट का युध्द हुआ। इस युद्ध में दारा कि पराजय हो हुई।
- सामूगढ़ का युद्ध 29 मईं, 1658 ईं. को दारा एवं औरंगजेब के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में भी दारा कि हार हुई। उत्तराधिकार का अंतिम युद्ध देवराई की घाटी में मार्च, 1659 ई. को हुआ। इस युद्ध में दारा के पराजित होने के पर उसे इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के अपराध में 30 अगस्त, 1659 ई. को हत्या कर दी गयी। दारा शिकोह ने अपना निर्वासित जीवन अलवर (राजस्थान) के कंकबाड़ी किला में बिताया। इस किला का निर्माण जय सिंह-।। ने किया था।
- शाहबुलन्द इकबाल के रूप में दारा शिकोह जाना जाता है।
- 8 जून,1658 ई. को औरंगजेब ने शाहजहाँ को बंदी बना लिया। आगरा के किले में अपने कैदी जीवन के आठवें वर्ष अर्थात् 22 जनवरी,1666 ई. को 74 वर्ष की अवस्था में शाहजहाँ कि मुत्यु हो गयी।
शाहजहाँ द्वारा बनवायी गयी प्रमुख इमारतें
- दिल्ली का लाल किला
- दीवाने आम
- दीवाने खास
- दिल्ली का जामा मस्जिद
- आगरा का मोती मस्जिद
- ताजमहल
- लाहौर किला स्थित शीशा महल
नोटः हुमायुँ के मकबरा को ताजमहल का पूर्ववर्ती माना जाता है।
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