UP BOARD : युपी बोर्ड के 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं वाले छात्र ध्यान दें बोर्ड द्वारा नया नियम लागू बडी खबर
UP Board 2024 – जेईई मेन की तर्ज पर अब 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं साल में दो बार होंगी। छात्रों के पास इन बोर्ड परीक्षाओं में से सर्वश्रेष्ठ अंक चुनने का विकल्प होगा। साथ ही 9वीं और 10वीं में तीन भाषाएं तथा 11वीं, 12वीं कक्षा में दो भाषाओं की पढ़ाई करनी होगी। इसमें से एक भारतीय भाषा होना जरूरी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीएफ) 2023 जारी किया। शैक्षणिक सत्र 2024 से एनसीएफ पर आधारित तीसरी से 12वीं कक्षा तक के लिए नए पाठ्यक्रम की किताबों से पढ़ाई होगी।

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आपको बता दें कि प्रधान ने कहा डॉ. के कस्तूरीरंगन समिति ने एनईपी, 2020 के बाद एनसीएफ, 2023 को तैयार कर शिक्षा मंत्रालय को सौंपा था। मंत्रालय ने इसे अब राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को सौंप दिया है। एनसीई आरटी ने इसके आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रम और किताबों को लेकर दो समितियां गठित की हैं। ये समितियां शैक्षणिक सत्र, 2024 के लिए पाठ्यक्रम और किताबों को तैयार करेंगी। और इसके साथ ही कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलेगा। क्योंकि बोर्ड द्वारा छात्रों के लिए लिए कई प्रकार के नियम में बदलाव किया है। अब और भी आसान होगा छात्रों के लिए ।
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एनसीएफ, 2023 में फिलहाल परीक्षा में सुधार के लिए बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार कराई जाएंगी। हालांकि, इसमें प्रावधान किया गया है। कि भविष्य में इस नए पाठ्यक्रम के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में मांग के अनुसार यानी ऑन डिमांड परीक्षा का मौका भी देंगें। इसके लिए स्कूलों और बोर्ड को प्लेटफॉर्म तैयारी करना होगा। बच्चे जब भी खुद को तैयार पाएंगे, वे परीक्षा की मांग रख सकते हैं। इसके लिए व्यापक स्तर पर बोर्ड को प्रश्नों का बैंक तैयार करना होगा और परीक्षा के समय उपयुक्त सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी।
UP Board 2024 New Update
आने वाले वर्षों में अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। एनसीएफ में पाठ्य पुस्तकों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाने पर काम होगा। किताबों में 21वीं सदी को जरूरत के साथ – साथ भारतीय ज्ञान परंपरा को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। अभिभावकों को पाठ्य पुस्तकों को लेकर बडी राहत मिलेगी। अब सभी पाठ्यक्रम के दामों पर भी कमी की जाएगी जिससे अभिभावकों को भी राहत मिलेगी।