लोग रेगुलर वर्कआउट पर ध्यान देने लगे। ब्रीदिंग एक्सरसाइज के लिए लोग योग और मेडिटेशन करने लगे हैं। इन सबका फायदा हुआ है एक पूरी इंडस्ट्री को। मैं दवा इंडस्ट्री की बात नहीं कर रहा हूँ, जिस इंडस्ट्री की मैं बात कर रहा हूँ उसके प्रोडक्ट्स इंडिया की लगभग हर घर में मिल जाते हैं, वो प्रोडक्ट्स है।
अगर आपको पता है 2020 में आये के बाद अगरबत्ती की मांग तेजी से बढ़ी, नतीजा ये हुआ की अगरबत्ती इंडस्ट्री नहीं 2020, 21 और 2022 में भारी ग्रोथ दर्ज की। 20 और 21 में जहाँ ग्रोथ 10% से ऊपर रहे वहीं 2022 में इंडस्ट्री ने 7-8 प्रतिशत तक की ग्रोथ दर्ज करी अगरबत्ती एक ऐसी चीज़ है जिसकी जरूरत धार्मिक कामों में तो पड़ती ही है, आम दिनों में भी घर में खुशबू के लिए लोग अगरबत्ती जलाते हैं और साथ ही साथ योग और मेडिटेशन के दौरान बेहतर महसूस करने के लिए भी लोग अगरबत्ती का प्रयोग करते हैं। यानी की एक ऐसा प्रॉडक्ट जिसकी जरूरत पड़ती ही पड़ती है। आज हम आपको बताने वाले हैं।
Small Business Idea
ऐसे ब्रैन्ड्स के बारे में जिन्होंने छोटी शुरुआत की लेकिन आज वो ब्रैन्डस करोड़ों के बन चूके हैं। खास और आम लोगों की कहानियों बताने वाली वेबसाइट YourStory ने साल 2021 में ऐसे के ब्रैन्डस की कहानी सुनाई थी जिनकी शुरुआत काफी हम्बल थी। पर जो आज देश के टॉप ब्रैन्डस बन चूके हैं, सबसे पहले बात करते हैं साइकल, प्योर अगरबत्ती की साइकल, प्योर अगरबत्ती शुरू करने वाली।
साइकिल प्योर अगरबत्ती बिजनेस की शुरुआत
अगरबत्ती कम्पनी के मालिक की पिता की मृत्यू जब 8 साल की थीं तभी उनके पिताजी का निधन हो गया था। अपनी दादी के साथ मिलकर घर पर अगरबत्ती बनाना शुरू किया। वो रोज़ बाजार जाकर अगरबत्ती का रॉ मटिरियल खरीद लाते। अगरबत्ती बनाकर बेचते जो पैसे आते हैं उसमें से कुछ पैसों से वो फिर अगरबत्तियां खरीद लाते और बाकी पैसों से अपने परिवार की जरूरतें पूरी करते।
भारत के अगरबत्ती मार्केट में साइकल अगरबत्तियों का शहर 15-18 प्रतिशत तक का है। ये तो हुई साइकल प्योर अगरबत्तियों की बात। मुझे यकीन है कि आपने ज़ेड ब्लैक अगरबत्ती एक ना एक बार इस्तेमाल जरूर की होगी। उसकी शुरुआत भी ऐसी ही हुई थी। ज़ेड ब्लैक अगरबत्ती बनाने वाली कंपनी का नाम हैं एम डी पी एच यानी मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस। इसे शुरू करने वाले प्रकाश अग्रवाल सेल्स की जॉब करते थे।
प्रकाश ने अपने एक रिश्तेदार से ₹5,00,000 का लोन लिया। घर की गैराज में अपने भाइयो के साथ मिलकर बनाना शुरू किया। वो अपने पूरा पश्चिम उत्तर दक्षिण नाम से बेचते थे। कुछ साल बाद उन्होंने अंग्रेजी नाम के साथ ही एक नया अगरबत्ती ब्रैन्डस शुरू किया। ज़ेड ब्लैक ये ब्रैंड खूब चला। कंपनी हर दिन ज़ेड ब्लैक के लगभग 15,00,000 प्रोडक्ट्स बेचती है। 2021 में कंपनी का टर्न ओवर 650 करोड़ का रहा था।
ये तो थी अगरबत्ती के दो बड़े ब्रैन्डस की कहानी पर आपको पता है भारत में अगरबत्ती का बिज़नेस शुरू करने के लिए ना मोटा पैसा लगाने की जरूरत है और ना ही इसके लिए बहुत ज्यादा टेक्निकल नॉलेज की जरूरत है। और तो और एक किसी खास इक्विप्मेंट की भी जरूरत नहीं है। इसके लिए इसके साथ ही सरकार भी मदद करती है।
अगरबत्ती व्यापार के लिए सरकार करेगी मदद
भारत को अगरबत्ती प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने अगस्त 2020 में एक प्रोग्राम शुरू किया था। खादी एवं ग्रामोद्योग ने इस प्रोग्राम को प्रोपोज़ किया था। प्रोग्राम का नाम है खादी अगरबत्ती। आत्मनिर्भर मिशन इस प्रोग्राम का मकसद है लोगों को रोजगार देना और अगरबत्ती के प्रोडक्शन को बढ़ाना।
इस योजना के तहत खादी एवं ग्रामोद्योग की तरफ से अगरबत्ती निर्माताओं को अगरबत्ती बनाने और पाउडर मिक्सिग मशीन दी जाती है। इन मशीनों पर खादी एवं ग्रामोद्योग 25% की सब्सिडी देता है, लेकिन बाकी के 75% आसान इन्सटॉलमेंट में निर्माता धीरे धीरे करके चुका सकते हैं। इतना ही नहीं अगर आप अगरबत्ती का बिज़नेस शुरू करते हैं और कारीगरों को ट्रेनिंग देना चाहते हैं तो ट्रेनिंग का 75% खर्चा खादी एवं ग्रामोद्योग उठाता है। आपको केवल 25% खर्चा खुद करना होगा।
तो अगर आप अगर इंडस्ट्री की ग्रोथ की बहती गंगा में अपने हाथ धोना चाहते हो तो ये सही समय है। अगर आपके पास कोई आइडिया हो तो वो हमें कॉमन सेक्शन में जरूर बताइयेगा, देखते रहिये जोश मनी।
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