New LAW Rules : देशभर मे 3 नए कानून लागू करोडो लोग तुरन्त जाने इस नए कानून को

दोस्तों आज हमारे देश के संसद भवन में तीन नए क्रिमिनल लॉ यानी कि विधेयक जो है वो लोकसभा में पास हुए। राजद्रोह कानून को खत्म किया गया। अब नाबालिग लड़की से रेप और जैसे अपराधों पर भी फांसी की सजा होगी। देश के संसद भवन में संविधान में किए जा रहे हैं बदलाव और देश में लागू किए जा रहे हैं नए कानून। देश के हर एक आम आदमी आम नागरिक को जरूर जानने चाहिए क्योंकि दोस्तों ये आपका ना सिर्फ अधिकार है बल्कि आपका कर्तव्य भी है।

आप एक भारतीय संविधान के मुताबिक जिम्मेदार नागरिक बनकर भारत में रह सके, इसके लिए जरूरी है कि भारत के संविधान के कुछ महत्वपूर्ण विधेयक कानून लो। इनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आइये देखते दोस्तों की आज जो ये नहीं तीन क्रिमिनल लॉ बनाए गए, इनका मकसद क्या है? किस तरह से अपराधियों में अब खौफ पैदा होगा? कुछ भी गलत कदम उठाने से पहले थर थर कापेंगे अपराधी।

india 3 new law
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भारत मे तीन नए कानून लागू

तीनों आपराधिक कानून संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी चर्चा का जवाब दिया। अमित शाह बोले कि पीएम मोदी देश की गुलामी के निशान मिटा रहे हैं। अब जैसे अपराध पर भी सीधे फांसी की सजा होगी। दोस्तों ऐसे अपराधों को कहा जाता है जहाँ भीड़ मौके का फायदा उठाती है और किसी एक निर्दोष व्यक्ति को पीटा जाता है ताकि भीड़ पिट रही है। पूरी कि से एक व्यक्ति का तो नाम आएगा नहीं। कई बार ऐसी घटनाएं जानबुझकर की जाती है। कई बार ऐसी घटनाएं गलतफहमी की वजह से होती हैं तो भीड़ के द्वारा एक व्यक्ति को किसी एक मानव पर अत्याचार करना मारना पीटना। ये मॉब लिंचिंग की घटना होती है और ऐसे अपराधों पर भी अब सीधी फांसी की सजा होगी।

देशभर मे तीन नए क्रिमिल बिल लागू

तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है। देखिये ज़रा इन में क्या क्या बदलाव किए गए हैं। करेंट अफेयर्स के हिसाब से भी इम्पोर्टेन्ट है। अगर आप एक स्टूडेंट विद्यार्थी हैं तो जरूर इस जानकारी को समझिएगा और देश के आम नागरिक हैं तो भी आपकी जिम्मेदारी है। पहला कानून था 1860 में बना कोड है उसकी जगह अब भारतीय न्याय संहिता 2023 कानून लागू हो गया। आप दूसरा कानून था 1898 में बना सीआरपीसी उसकी जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कानून लागू होगा। तीसरा कानून था मैं बना इंडियन एविडेंस कोड सबूतों से संबंधित या कानून था उसकी जगह अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 ये नया कानून होगा तो इस तरह से भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत लोकसभा में आपराधिक कानून से जुड़े ये तीनों बिल पास हो चूके हैं।

भारतीय दंड संहिता मे नया कानून

और वो भी इस समय ऐसे समय बिल पारित हुए हैं जब संसद से 143 सांसद निलंबित है। ऐसे समय में तीनों कानूनों का लोकसभा से पारित होना वाकई में हैरानी की बात तो है ही, ये आइपीसी और सीआरपीसी किया जो पुराने कानून थे। भारतीय दंड संहिता और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीज़र है ये इसके बारे में डिटेल तो आप देख ही सकते हैं।

अब ज़रा समझिए की ये जो नए कानून लागू किए हैं, इन तीनों कानूनों की जगह पर इन तीन विधेयकों से क्या क्या बदलाव होगा? कई और प्रावधान बदल जाएंगे। आइपीसी में अभी टोटल 511 धाराएं हैं। अब 356 ही बचेगी, 175 धाराएं बदलेगी, आठ नई जोड़ी जाएगी, 22 धाराएं खत्म होगी। इसी तरह से सीआरपीसी कानून में जो अभी 533 है, अब सिर्फ 160 धाराएं बचेगी नौ खत्म होगी। पूछ्ताछ से ट्रायल तक विडिओ कॉन्फ्रेन्स से करने का प्रावधान होगा जो पहले नहीं था। यानी की टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल पूरा किया जाएगा। क्रिमिनल से पूछ्ताछ करने दौरा सबसे बड़ा फैसला ये है दोस्तों की अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा।

देशभर मे 5 करोड केस पेंडिग

Supreme Court
Supreme Court

देश में अभी 5 करोड से ज्यादा कोर्ट केस पेंडिंग हैं, जिनमें से 45 लाख केस सिर्फ ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग है। तो अब 3 साल की लिमिट लगने के बाद ये जो कोर्ट के केस सालों तक पड़े रहते हैं, पेंडिंग ये नहीं रहेंगे। जल्द से जल्द इन्हें सुनवाई करके खत्म किया जा सकेगा। अब अभी ये कानून जो है लोकसभा से पास हो चूके हैं। इसके बाद इन बिलों को राज्यसभा में पेश किया जाएगा और फिर वहाँ से पास होने के बाद देश के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए फाइनल हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।

बस जैसे ही राष्ट्रपति के साइन होते हैं, ये तीनों बिल हमारे देश में तीन नए कानून बन जाएंगे। संविधान संशोधन के तहत गृह मंत्री अमित शाह बोले की आतंकवाद मनवाधिकार के खिलाफ़ है और ये कानून जो नए बनाए गए हैं, इनका मकसद ही यही है कि देश में आपराधिक घटनाओं को कम करना या खत्म करना। अब कोई भी अपराध होने के बाद 3 दिन के अंदर अंदर एफआईआर दर्ज करनी ही होगी। 3 दिन के भीतर रिपोर्ट दर्ज करनी होगी और तीन से 7 साल की सजा में 14 दिन के भीतर जांच कर के एफआईआर रजिस्टर करनी होगी।

पुलिस की ओर से दण्डित, कार्रवाई, सीआरपीसी में कोई समय निर्धारित नहीं है। अभी पुलिस 10 साल बाद भी जांच कर सकती है। अक्सर देखा जाता है तो उसको भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के जो पुराने कानून है उनसे देश में न्याय मिलने में गरीबों को मुश्किल होती है। लेकिन गरीबों के लिए संविधान में ये नए कानूनों के तहत व्यवस्था की गई है। नए कानून में हर तरह के मामले की जानकारी इन्वेस्टिगेशन के लिए पुलिस की जवाबदेही बराबर तय होगी।

छोटी बच्चियो के लिए नया कानून

छोटी बच्चियों से रेप के आरोपी को सीधे फांसी की सजा हो पाएगी। ऐसे सख्त कानून बनने के बाद ही इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी जो कल ही आपको पता होगा। दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ घिनौना काम करके नहर में फेंक दिया गया। उसके शव को सीसीटीवी से खुला दिल्ली के हैवान का सच अभी 1 दिन पहले ये खबर आई थी 12 दिसंबर को संदिग्ध हालत में लापता हुई थी बच्ची जिसके साथ क्या क्या नहीं हुआ मैं बताऊँगा तो आपका दिल दहल जाएगा, आपका खून खौल उठेगा। ऐसे ही घटना मध्यप्रदेश के सीहोर में देखी गई।

अभी कुछ दिनों पहले 5 साल की बच्ची के साथ ऐसा काम होता है। चार वर्षीय यानी मासूम के साथ छेड़छाड़ होती है। रो रो कर बच्चियों ने अपनी आपबीती सुनाई। एमपी, सीहोर के श्यामपुर की ये घटना है आए दिन ऐसी खबरें तो देखने को मिलती रहती है। दिल्ली में जो ये 9 साल की बच्ची का मामला सामने आया, इसमें 52 साल के शख्स ने इस तरह का अपहरण किया था। पहले निर्भयता केस का मामला आया था।

लडकियो के लिए सूरक्षा कानून

आपको पता होगा उसके बाद देशभर में कई नई पहल भी शुरू की। सरकारों ने अब जरूरत है वाकई में लड़कियों की सुरक्षा के लिए देश में सख्त कानून बनाने की। अभी कई सारे मुस्लिम कंट्री में ऐसे ऐसे कठोर कानून है की सोच भी नहीं सकते की ऐसा घिनौना प्राप्त करें। आपको पता होगा ये नॉर्थ कोरिया हो गया। सीरिया इतने कठोर कानून है की ऐसे काम किए सीधे सामान कट करदो समझ रहे हो, गलत निगाहों से देख आंखें फोड़ दो तो अपराधियों में कॉमेडी खौफ होता है की ऐसे कानूनों की वजह से क्राइम रेट कम होता है।

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