Pulse Price 2023 : दोस्तो जैसा की आप जानते है की देश मे कई चीजो के दामो मे बढोत्तरी की गई है और बढ भी रहे है, आम नागरिको के लिए बहुत ही बुरी खबर है तो ऐसे मे देश मे दालो के दामो को लेकर सरकार ने किया बडा ऐलान अब नही मिलेंगे पुराने दामो मे कोई भी दाल, दालो के दामो को बढा दिया गया है, तो चलिए दोस्तो आज हम इस लेख की मदद से आपको पूरी जानकारी देंगे की किस दाल की कीमत कितनी है, किस राज्य मे कितनी है पूरी जानकारी के लिए नीचे लिखे लेख को ध्यान पूर्वक अवश्य पढे।

Pulse Price Change
दोस्तो आपको पता है कि देश मे टमाटर से लेकर दालो तक के दामो मे बढोत्तरी कर दिया गया है ऐसे मे आम नागरिको को और भी खाने पीने की चीजो मे ज्यादा पैसा देने पर मिलेगा तो ऐसे मे पिछले दो महीने में देखने में आ रहा है कि काफी सारे सामान के दाम बढ़ रहे हैं।
- अरहर की दाल दो महीने पहले 120 रुपए थी, जो बढ़कर 140 पर पहुंची और अब 160 रुपए चल रही है।
- इसी तरह से जीरा का दाम 500 रुपए किलो था, लेकिन पिछले दो महीने में यह 700 रुपए किलो तक जा पहुंचा है।
इस बार धान की फसल कमजोर दिख रही है, तो उससे पहले ही चावल के दाम बढ़ने लगे। यही हाल सरसों को लेकर है, इसलिए अब सरसों का तेल पर तेजी आएगी। तो ऐसे मे सरकार ने सभी दालो के दामो मे बढोत्तर की है जिससे आम नागरिको को खरीदने मे खाफी ज्यादा दिक्कते होंगी अरहर की दाल मूंग की दाल चने की दान उडद की दाल जितने भी दाल है सभी के रेटो को ज्यादो भावो के साध अब बाजारो मे बेंचा जाएगा. आम आदमी की रसोई पर महंगाई का दोहरा अटैक हुआ है। एक तरफ जहां हरी सब्जियों के दाम आसमान पर हैं, वहीं दालों के भाव भी लगातार बढ़े हैं।
Price Hike
अरहर की दाल का रेट तो एक साल में 32 फीसदी बढ़ गया है। पिछले महीने, यानी अगस्त में ही अरहर दाल का भाव 7 फीसदी चढ़ गया था लेकिन अरहर के साथ ही उड़द और मूंग दाल की कीमतें मे भी बढोत्तरी हुई हैं, ऐसे मे सरकार ने दालों के रेट को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन फिलहाल दाम काबू में नहीं आ रहे हैं.
दोस्तो सरकार ने दालो के दामो को काबू करने के लिए कई बडे कदम उठाए है फिलहाल काबू मे नही कर पाए है, इसकी वजह ये है कि किसानो की खेती अच्छे से ना होने के कारण सभी किसान अपने सभी फसलो के दाम बढा दिए है। दोस्तो आपको पता है की कई राज्यो मे बारिश ना होने के कारण सूखा पडने के कारण समय से बारिश न होने के कारण पिछले साल बहुत ही कम फीसदी दाल की पैदावर होने के कारण दालो के दामो मे बढोत्तरी की गई है।