Samas (समास) Samas in Hindi भेद, उदाहरण सहित संस्कृत व्याकरण

Samas Paribhasa के साथ साथ SAMAS ke Bhed के बारे मे आज कि इस Post के माध्यम से हम आपको समास से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकरी देंगे जैसे- समास कि परिभाषा, समास के भेद, समास के उदाहरण, तो सम्पूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस लेख को जरूर पढें।

Samas ki puri jandari

Samas Ki Paribhasa समास कि परिभाषा 

दो या दाे से अधिक शब्दो (पदों) के मेल से एक नवीन शब्द के निर्माण की प्रक्रिया को समास कहते है। जैसे- पीताम् अम्बरं यस्य सः (पीले हैं वस्त्र जिसके)। इस शब्दो को मिलाकर एक सामासिक पद बनाया जाता है- पीताम्बरः।

समस्त-पद

समास के नियम से मिले हुए शब्द-समूको को समस्त-पद कहते है, जैसे- पीताम्बरः। समस्त-पद है।

विग्रह

समास के अर्थ-बोधक वाक्य को विग्रह कहते है। जैसे पीतम् अम्बरं यस्य सः।

समास के भेद Samas Ke Bhed

समास के निम्न छह भेद हैं-

  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरूष समास
  3. कर्मधरय समास
  4. द्विगु समास
  5. बहुब्रीहि समास
  6. द्वन्द्व समास

अव्ययीभाव समास

जिस समास मे पूर्व पद अव्यय हो और उसी के अर्थ की प्रधानता हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है। इसमे पहला पद अव्यय होता है और दूसरा संज्ञा होता है। समस्त-पद अव्ययीभाव का नपुंसकलिङ्ग एक वचन में रूप बनता है।

उदाहरण

समस्त-पद समास-विग्रह हिन्दी अर्थ
अनुदिनम् दिनस्य पश्चात् दिन के पश्चात्
प्रतिदिनम् दिनं दिनंप्रति प्रत्येक दिन
उपतटम् तटस्य समीपे तट के समीप
प्रत्येकः एकं-एकं प्रति हर एक
यथाकामम् कामम् अनतिक्रम्य काम के अनुसार

तत्पुरूष समास

जिस समास मेँ दूसरा पद अर्थ की दृष्टि से प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैँ। इस समास मेँ पहला पद संज्ञा अथवा विशेषण होता है इसलिए वह दूसरे पद विशेष्य पर निर्भर करता है, अर्थात् दूसरा पद प्रधान होता है। तत्पुरुष समास का लिँग–वचन अंतिम पद के अनुसार ही होता है।

उदाहरण-

समस्त-पद समास-विग्रह
हस्तगत हाथ को गत
तुलसीकृत तुलसी द्वारा कृत
गुरुदक्षिणा गुरु के लिए दक्षिणा
दोषमुक्त दोष से मुक्त
राष्ट्रपति राष्ट्र का पति
आपबीती आप पर बीती

कर्मधारय समास

जिस समास में पहला पद विशेषण तथाे दूसरा पद विशेष्य होता है, वहाँ कर्मधारय समास होता है।

उदाहरण-

समस्त-पद समास-विग्रह हिन्दी अर्थ
कृष्णसर्पः कृष्णः सर्पः काला साँप
नीलकमलम् नीलम् कमलम् नीला कमल
श्वेताम्बरं श्वेतम् अम्बरम् सफेद वस्त्र
घनश्यामः घन इव श्यामः घन के समान श्याम
सज्जनः सत्यः जनः सच्चा व्यक्ति

द्विगु समास

जिस समस्त पद मेँ पूर्व पद संख्यावाचक हो और पूरा पद समाहार (समूह) या समुदाय का बोध कराए उसे द्विगु समास कहते हैँ। उदाहरण-

समस्त-पद समास-विग्रह
चौराहा चार राहोँ का समाहार
त्रिलोक  तीन लोकोँ का समाहार
सप्ताह सात दिनोँ का समूह
एकांकी एक अंक है जिसका
चतुर्वर्ग चार हैँ जो वर्ग
नवरात्र नौ रातोँ का समूह

 बहुव्रीहि समास

जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। उदाहरण-

समस्त-पद समास-विग्रह हिन्दी अर्थ
महात्मा महान आत्मा यस्य सः जिसकी आत्मा महान हो
त्रिनेत्रः त्रय नेत्राणि यस्य सः तीन नत्र है जिसके
लम्बोदरः लम्बम् उदरं यस्य सः लम्बा है उदर जिसका
गजाननः गजः इव आननः यस्य सः गज के समान मुख है जिसका
महाधनः महान् धनः यस्य सः महान् धन है जिसका वह

द्वन्द्व समास

जिस समस्त पद मेँ दोनोँ अथवा सभी पद प्रधान होँ तथा उनके बीच मेँ समुच्चयबोधक–‘और, या, अथवा, आदि’ का लोप हो गया हो, तो वहाँ द्वन्द्व समास होता है। उदाहरण-

समस्त-पद समास-विग्रह
अन्नजल अन्न और जल
देश–विदेश देश और विदेश
राम–लक्ष्मण राम और लक्ष्मण
रात–दिन रात और दिन
खट्टामीठा खट्टा और मीठा
जला–भुना जला और भुना

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